भारतीय महिला क्रिकेट में जब भी स्पिन गेंदबाजी की बात होती है, तो पूनम यादव का नाम बड़े गर्व से लिया जाता है। उत्तर प्रदेश के एक छोटे से कस्बे से निकलकर अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का नाम रोशन करने वाली पूनम यादव ने यह साबित कर दिया कि मेहनत और जज़्बा हो तो कुछ भी असंभव नहीं। इस ब्लॉग पोस्ट में हम जानेंगे पूनम यादव की जिंदगी, करियर, संघर्ष और सफलता की पूरी कहानी।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
पूनम यादव का जन्म 24 अगस्त 1991 को उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले में हुआ था। उनके पिता श्री रघुवीर सिंह यादव भारतीय सेना में कार्यरत थे। सीमित संसाधनों में पली-बढ़ी पूनम को बचपन से ही खेलों में रुचि थी, लेकिन लड़कियों को क्रिकेट खेलने की आज़ादी बहुत कम थी। उन्होंने अपने संघर्षों के बावजूद अपने सपनों का पीछा किया और धीरे-धीरे क्रिकेट की ओर कदम बढ़ाए।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा शिक्षा व करियर: BA की, फिर जूनियर क्लर्क और बाद में ऑफिस सुपरिटेंडेंट (रेलवे) । बचपन में गली‑क्रिकेट खेलने की शौकीन थीं, जिससे शुरूआती दौर में उन्हें चोट‑पटक लगना आम था, लेकिन यह उनकी दृढ़ता को कम नहीं कर सका। 2007 में इकलव्य स्पोर्ट्स स्टेडियम, आगरा में कोचिंग शुरू – मेंटर: एमके अफगानी, हेमलता काला, मनोज कुशवाह। स्कूल और नेट दोनों में दिन में तीन‑तीन सत्र का अभ्यास करती थीं, जिसमें सुबह, दोपहर और शाम शामिल थे।
पारिवारिक पृष्ठभूमि
जन्म: 24 अगस्त 1991, आगरा, उत्तर प्रदेश। पिता रघुवीर सिंह यादव (सेवानिवृत्त सेना अधिकारी), माँ मुन्ना देवी (गृहिणी)। परिवार में दो भाई और एक बहन हैं — पूनम परिवार की दूसरी सबसे छोटी हैं। उन्होंने रेलवे (उत्तर मध्य रेलवे, आगरा) में जूनियर क्लर्क के रूप में काम शुरू किया और बाद में ऑफिस सुप्रीटेंडेंट बनीं।
क्रिकेट करियर की शुरुआत
पूनम यादव ने घरेलू क्रिकेट में उत्तर प्रदेश की ओर से खेलना शुरू किया। उनकी स्पिन गेंदबाजी की सटीकता और विविधता ने जल्द ही चयनकर्ताओं का ध्यान खींचा। उनका टर्न और फ्लाइट देना विशेषता बन गई, जिसने उन्हें अन्य गेंदबाजों से अलग पहचान दिलाई।
अंतरराष्ट्रीय डेब्यू और सफलता
उन्होंने 2013 में टी20 इंटरनेशनल और फिर 2014 में वनडे डेब्यू किया। पूनम यादव ने 2017 के महिला विश्व कप में शानदार प्रदर्शन कर सबका ध्यान खींचा। लेकिन 2020 के ICC महिला T20 विश्व कप में उनका प्रदर्शन ऐतिहासिक रहा, जहां उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 4 विकेट लेकर भारत को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई।
मुख्य उपलब्धियां
- 2020 T20 वर्ल्ड कप में भारत की स्टार गेंदबाज
- महिला क्रिकेट में 100+ इंटरनेशनल विकेट
- 2018 में अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित
- भारत के लिए 1 टेस्ट, 58 ODI और 72 T20I मैच खेले
- 2019 में अंजना यादव बनीं — पहली उत्तर प्रदेश की महिला क्रिकेटर जिन्हें अर्जुन पुरस्कार मिला।
- 2018 में T20I में सबसे अधिक विकेट लेने वाली भारत की महिला गेंदबाज बनीं
उन्होंने BCCI की “Bowler of the Year – Female” और 2020 में “BCCI Cricketer of the Year” के पुरस्कार प्राप्त किए
संघर्ष और चुनौतियाँ
पुनम को अपने करियर के शुरुआती दौर में समाज और परिवार की सोच से लड़ना पड़ा। कई बार उन्हें अपने खेल को लेकर सवालों का सामना करना पड़ा। संसाधनों की कमी, पुरुष-प्रधान सोच, और ट्रैवल की दिक्कतें—इन सबके बावजूद उन्होंने कभी हार नहीं मानी।
शौक और रुचियाँ
- यात्रा करना और वर्क‑आउट उनकी हॉबी में शामिल हैं।
- संगीत सुनना भी उन्हें पसंद है।
- वे बैडमिंटन भी खेलती थीं, और पहले लॉन टेनिस में भी भाग लिया करती थीं।
- पूनम अपने कुत्ते “ब्रूनो” के साथ समय बिताना पसंद करती हैं।
व्यक्तिगत रुचियाँ
यात्रा करना: स्कूल या कोचिंग के समय यात्रा करने का आनंद । वर्क‑आउट व फिटनेस: लॉकडाउन में बाइक चलाने (Bullet बाइक सवारी), घर पर व्यायाम, खाना बनाना सीखा । संगीत और पालतू: पढ़ाई के साथ संगीत सुनना पसंद है; कुत्ते के साथ समय बिताती हैं (कुछ इंटरव्यू में उल्लेखित) । धार्मिक आस्था: मंगलवार और शनिवार को हनुमानजी की पूजा करती हैं, धारणा शक्ति व लाभ के लिए । अन्य रुचियाँ: लॉकडाउन में टीवी सीरियल (Mahabharat, Ramayan) बताई हैं।
पारिवारिक स्थिति – अविवाहित हॉबीज – ट्रैवलिंग, वर्क‑आउट, संगीत सुनना, बैडमिंटन, लॉन टेनिस कोचिंग में सुबह‑दोपहर‑शाम की दिनचर्या
खेल‑शैली और रणनीति
लेग‑स्पिन तकनीक और विविधता प्रारंभ में मीडियम‑पेसर थीं, लेकिन आगरा में कोच की सलाह पर लेग‑स्पिन अपनाया । वैरिएशन: लेग‑ब्रेक, गूगली, फ्लाइट, गति परिवर्तन – बॉउण्डरी न देने और विकेट लेने पर जोर । डॉट बॉल्स पर फोकस: टी20 में तीन डॉट ओवर की योजना से बल्लेबाज़ पर मानसिक दबाव बनाया जाता है ।
शेन वार्न से प्रेरणा: सीम से ड्रिफ्ट और लूप के लिए संघर्ष ।। एनालिसिस और फीडबैक: कप्तान, कोच और बल्लेबाज़ों से मिलकर नई वैरिएशन आज़माती हैं । ड्यू कंडीशन्स प्रबंधन: वेस्टइंडीज में ड्यू के दौरान गेंद थामने और गति समायोजन की रणनीति सीखी गूगली सुधार: पहले धीमी, अब तेज और उस पर विमेय नियंत्रण विकसित किया ।
पूनम यादव से प्रेरणा
पूनम यादव आज उन युवाओं के लिए प्रेरणा हैं, जो सीमित साधनों में भी बड़े सपने देखते हैं। उनका मानना है कि मेहनत और आत्मविश्वास से कोई भी मंज़िल पाई जा सकती है। वह महिलाओं के लिए एक मजबूत रोल मॉडल बनकर उभरी हैं, खासकर छोटे शहरों और ग्रामीण भारत से आने वाली लड़कियों के लिए।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
- Q. पुनम यादव की गेंदबाजी स्टाइल क्या है?
A. पूनम यादव लेग स्पिन गेंदबाज हैं जो फ्लाइट और टर्न में माहिर हैं।
- Q. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय डेब्यू कब किया?
A. पूनम यादव ने 2013 में T20I और 2014 में ODI डेब्यू किया।
- Q. क्या पुनम यादव को कोई पुरस्कार मिला है?
A. हाँ, उन्हें 2018 में अर्जुन पुरस्कार मिला।
- Q. पुनम यादव का सबसे यादगार प्रदर्शन कौन सा है?
A. 2020 T20 विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 4 विकेट लेना उनका सबसे चर्चित प्रदर्शन रहा।
निष्कर्ष
पुनम यादव की कहानी साबित करती है कि अगर हौसला बुलंद हो, तो कोई भी बाधा आपको रोक नहीं सकती। उन्होंने सिर्फ महिला क्रिकेट को नई पहचान ही नहीं दी, बल्कि हर उस लड़की के लिए रास्ता बनाया है जो मैदान पर अपने सपने पूरे करना चाहती है।
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